Saturday, 14 January 2012

रामाश्रम सत्संग, मथुरा के इतिहास के महत्वपूर्ण मील के पत्थर

रामाश्रम सत्संग, मथुरा के इतिहास के   महत्वपूर्ण मील के पत्थर


1891 -- 
 दादा गुरु महाराज (महात्मा श्री रामचंद्र जी महाराज) अपने गुरु महाराज श्री फज़ल अहमद खां साहब से मिले

1896 – दादा गुरु महाराज को पूर्ण शक्तियां 11.10.1896 को मिली

1910-11 -- ब्रह्मलीन परमसंत डा श्री चतुर्भुज सहाय जी महाराज अपने गुरु, दादा गुरु महाराज जी से मिले

1911  दादा गुरु महाराज ने शिक्षा का कार्य शुरू किया

1919 -- दादा गुरु महाराज ने ब्रह्मलीन परमसंत डा श्री चतुर्भुज सहाय जी महाराज को शिक्षा का कार्य करने हेतु लिखित आज्ञा पत्र दिया

1930 -- ब्रह्मलीन परमसंत डा श्री चतुर्भुज सहाय जी महाराज ने रामाश्रम सत्संग को एटा में शुरु किया बसंत पंचमी पर एटा में पहला भंडार शुरू किया गया इससे पहले भंडारा फतेहगढ़ में हुआ करता था

1931  परम भागवत पंडित मिलीलाल जी महाराज अपने गुरु महाराज ब्रह्मलीन परमसंत श्री चतुर्भुज सहाय जी महाराज से मिले

अगस्त 1933  साधन मासिक पत्रिका का पहला अंक कृष्ण जन्माष्टमी को प्रकाशित हुआ  पहले ये अलीगढ में छपता था बाद में एटा से और फिर मथुरा से प्रकाशित होने लगा

1951 -- ब्रह्मलीन परमसंत डा श्री चतुर्भुज सहाय जी महाराज एटा से मथुरा आ गए

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